भूमि का सर्वेक्षण या सर्वे करने का क्या मतलब होता है। भूमि सर्वेक्षण करने का क्या उद्देश्य होना चाहिए ।


सर्वेक्षण एक विहंगम परिचय


भूमि का सर्वेक्षण या सर्वे करने का क्या मतलब होता है ? सर्वे क्यों किया जाता है । इसका क्या उद्देश्य होता है ? इसका उपयोग कहा और किस लिए किया जाता है ?


प्रिय पाठकों ,

        इस लेख मे आज हम सर्वेक्षण या सर्वे के विषय मे चर्चा करेंगे । इस सम्पूर्ण लेख मे सर्वे के विषय मे एक गहन अध्ययन करेंगे और यह जानने व समझने योग्य होंगे की भूमि  सर्वे क्या होता है । इस सर्वे को करने का क्या मतलब होता है । इस सर्वेक्षण को करने से हमे क्या क्या लाभ होता है । इस सर्वे को क्यों करते है । इसका उपयोग कहा कहा पर किस प्रकार के सर्वे किए जा सकते है । 

 

सर्वेक्षण या सर्वे कागज पर उनकी सापेक्ष स्थिति दिखाने के लिए जमीन पर, ऊपर या नीचे वस्तुओं का मापन करने की कला होती है। यह मौके पर भूमि की वास्तविक स्थिति का पता लगाया जाता है । जिसे हम अपने कागज पर दर्शाने का कार्य करते है जिससे हमे भूमि के बड़े भाग की स्थिति का वास्तविक पता कागज को देख कर लगाया जाता है । कागज पर आवश्यक सापेक्ष स्थिति या तो क्षैतिज, या लंबवत, या दोनों स्थितिया अंकित की जाती है । भूमि पर सर्वेक्षण की प्रकार से किया जा सकता है । कम सटीक रूप से सर्वेक्षण शब्द का प्रयोग वस्तुओं को उनकी क्षैतिज स्थिति में मापने के लिए किया जाता है।  उनकी सापेक्ष ऊर्ध्वाधर स्थिति को निर्धारित करने के लिए माप को समतलन के रूप में जाना जाता है।  


सर्वेक्षण के उद्देश्य और उपयोग 


जैसा कि परिभाषा में कहा गया है, सर्वेक्षण का उद्देश्य किसी क्षेत्र की विभिन्न वस्तुओं की सापेक्ष स्थिति को कागज पर दिखाना और उस क्षेत्र की योजना या मानचित्र तैयार करना है। इन मानचित्रों की सहायता से स्थल पर जाए बिना उस जगह के भविष्य की रूपरेखा तैयार की जा सकती है स्थल पर कौन सी योजना कैसे कार्य करेगी इसका पता सर्वेक्षण किए गए स्थल के मानचित्र को देख कर लगाया जाता है और योजना मे कितना खर्च आएगा इसका भी अनुमान लगाया जाता है । इसी प्रकार की प्रकार की समस्या हो आसानी से हाल किया जा सकता है कुछ सर्वेक्षण के विभिन्न उपयोग नीचे सूचीबद्ध किए गए हैं:



(i) निजी, सार्वजनिक और सरकारी भूमि की संपत्ति लाइनों को रिकॉर्ड करने के लिए तैयार की गई योजनाएं अनावश्यक विवादों से बचने में मदद करती हैं।  

(ii) देशों, राज्यों, जिलों आदि की सीमाओं को चिह्नित करने के लिए तैयार किए गए मानचित्र विवादों से बचते हैं।  

(iii) इलाके की योजनाएँ क्षेत्र में घरों और कार्यालयों के स्थान की पहचान करने में मदद करती हैं।  

(iv) रोड मैप यात्रियों और पर्यटकों की मदद करते हैं।  

(v) नदियों, नालों, पहाड़ियों, जंगलों जैसी प्राकृतिक विशेषताओं को दर्शाने वाले स्थलाकृतिक मानचित्र सिंचाई परियोजनाओं और बाढ़ नियंत्रण उपायों की योजना बनाने में मदद करते हैं।  

(vi) सड़कों, पुलों, रेलवे, हवाई अड्डों, जल आपूर्ति और अपशिष्ट जल निपटान सर्वेक्षण जैसे परियोजना कार्यों की योजना और आकलन के लिए सर्वेक्षण की आवश्यकता है। 

(vii) समुद्री और जल सर्वेक्षण सर्वेक्षण नेविगेशन मार्गों और बंदरगाहों की योजना बनाने में मदद करता है।  

(viii) सामरिक योजना के लिए सैन्य सर्वेक्षण आवश्यक है। 

(ix) खनिज संपदा की खोज के लिए खान सर्वेक्षण की आवश्यकता है।  

(x) भू-पर्पटी में विभिन्न स्तरों के निर्धारण के लिए भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण आवश्यक हैं ताकि जलाशयों के लिए उचित स्थान का पता लगाया जा सके।  

(xi) पुरातत्व सर्वेक्षण पुरातनता के अवशेषों का पता लगाने के लिए उपयोगी हैं।  

(xii) खगोलीय सर्वेक्षण ग्रहों की गति के अध्ययन और स्थानीय और मानक समय की गणना के लिए मदद करता है।



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Subject ID: Surveying01

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